
सावन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि यानी सावन शिवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के प्राचीन मानसरोवर मंदिर में वैदिक विधि से रुद्राभिषेक कर प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।
मानसरोवर मंदिर में वैदिक परंपराओं के साथ हुआ रुद्राभिषेक
गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में सीएम योगी ने शिवलिंग पर बिल्वपत्र, कमल पुष्प, दुर्वा और गन्ने के रस, गोदुग्ध व जल से रुद्राभिषेक किया।
गोरखनाथ मंदिर के विद्वान पुरोहितों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी मंत्रों के उच्चारण के बीच रुद्राभिषेक हुआ।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने हवन व आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णाहुति की।
प्रार्थना: सबका कल्याण, सबका विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भोलेनाथ से “आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय और शांतिमय जीवन” की कामना की। उनकी यह प्रार्थना केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जनकल्याण के संकल्प का प्रतीक बनी।

अनुष्ठान में प्रमुख गणमान्यजन रहे उपस्थित
इस शुभ अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
श्रद्धा और नेतृत्व का मिलन
इस रुद्राभिषेक के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी ने यह स्पष्ट किया कि राजनीति और अध्यात्म एक-दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि पूरक हो सकते हैं।
भोलेनाथ से लोकमंगल की याचना कर उन्होंने यह संदेश दिया कि धर्म सिर्फ़ आस्था नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण का मार्ग है।
क्या अगला उपराष्ट्रपति मुस्लिम होना चाहिए? बीजेपी के लिए मास्टरस्ट्रोक या?